Pakeezah

ओ पाकीज़ा रे
नैनों से ये दिल गिरा रे
ओ पाकीज़ा रे
अब दिल में तू ही घिरा रे

बातें तेरी लब पहने तो

लबों से कई सजदे हों

इश्क़ तेरा मेरा रब से ज़्यादा
इश्क़ तेरा मेरा पाकीज़ा है ना
इश्क़ तेरा मेरा रब से ज़्यादा

तुझसे ही ये चाह है पाकीज़ा

पाकीज़ा, पाकीज़ा

नूर सी हंसी ये कहीं जो बरसाये तू
रूह की खुशी तू ये जी ना सहलाये तू
हश्र मेरा तू इब्तिदा, उन्स तेरा जावेदा
हो ज़िन्दगी कुछ नहीं तेरे बिना
इश्क़ तेरा मेरा रब से ज़्यादा
इश्क़ तेरा मेरा पाकीज़ा है ना
इश्क़ तेरा मेरा रब से ज़्यादा
तुझसे ही ये चाह है पाकीज़ा
पाकीज़ा, पाकीज़ा रे

ओ पाकीज़ा रे
नैनों से ये दिल गिरा रे
ओ पाकीज़ा रे
अब दिल में तू ही घिरा रे
बातें तेरी लब पहने तो
लबों से कई सजदे हों
इश्क़ तेरा मेरा रब से ज़्यादा
इश्क़ तेरा मेरा पाकीज़ा है ना
इश्क़ तेरा मेरा रब से ज़्यादा
तुझसे ही ये चाह है पाकीज़ा
पाकीज़ा, पाकीज़ा रे



Credits
Writer(s): Manoj Yadav, Gulraj Singh
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