Zindagi Aa Raha Hoon Main

मैं सरफिरा मुसाफ़िर, हवाओं पे चलूँ
यारों का मैं यार हूँ, हाँ, हँस के सब से मिलूँ
इन ख़ाली-ख़ाली जेबों में इरादे बेहिसाब हैं
छोटी-छोटी आँखों में बड़े-बड़े से ख़्वाब हैं

सजा दे मेरी राहें तू
खोल दे अपनी बाँहें तू

आ रहा हूँ मैं, ज़िंदगी, आ रहा हूँ मैं
कर ले आ मुझसे दोस्ती, ज़िंदगी, आ रहा हूँ मैं
आ रहा हूँ मैं, ज़िंदगी, आ रहा हूँ मैं
कर ले आ मुझसे दोस्ती, ज़िंदगी, आ रहा हूँ मैं

दिल की सुनी है मैंने तो
दिल की ही मैं सुनूँगा
पागल सा ही जिया हूँ मैं
पागल सा ही मैं जियूँगा

मुझे क्या जीत-हार से?
मुझे है प्यार प्यार से, hey

आ रहा हूँ मैं, ज़िंदगी, आ रहा हूँ मैं
कर ले आ मुझसे दोस्ती, ज़िंदगी, आ रहा हूँ मैं
आ रहा हूँ मैं, ज़िंदगी, आ रहा हूँ मैं
कर ले आ मुझसे दोस्ती, ज़िंदगी, आ रहा हूँ मैं

(आ रहा हूँ मैं, आ रहा हूँ मैं)

उठा दो आसमानों को
उठा दो और भी ऊँचा
मैं अपने पंख तो खोलूँ
मज़ा तो आए उड़ने का

मुझमें हौसला भरा
मुझे तू आज़मा ज़रा, हाँ

आ रहा हूँ मैं, ज़िंदगी, आ रहा हूँ मैं
कर ले आ मुझसे दोस्ती, ज़िंदगी, आ रहा हूँ मैं
आ रहा हूँ मैं, ज़िंदगी, आ रहा हूँ मैं
कर ले आ मुझसे दोस्ती, ज़िंदगी, आ रहा हूँ मैं



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Hridaynath Mangeshkar
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