Carbon Copy (From "Drishyam")

क्या रे ज़िंदगी, क्या है तू?
अरे, क्या रे ज़िंदगी, क्या है तू?
तेरी carbon copy हूँ मैं
या मेरा आईना तू?

क्या रे ज़िंदगी, क्या है तू?
अरे, क्या रे ज़िंदगी, क्या है तू?

Muffler की तरह लिपटी है गले
गुदगुदी करती है पाँव तले
चिड़चिड़ी सी है, नकचढ़ी सी है
मुँह लगी है तू

अरे, अगले मोड़ पे मिलना तू
अरे, क्या रे ज़िंदगी, क्या है तू?

हँसते-हँसते यूँ बल पड़ जाते हैं
साँस तो आने दे ना
सूखे पत्ते सारे झड़ जाते हैं
होश तो आने दे ना

फुलझड़ी सी है, हाँ, गुलछड़ी सी है
ओ, हथकड़ी है तू
अरे, घूम के फिर से मिलना तू

ओए, क्या रे ज़िंदगी, क्या है तू?
तेरी carbon copy हूँ मैं
या मेरा आईना तू?



Credits
Writer(s): Gulzar, Vishal Bhardwaj
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