Daayre

दिलों की मोहब्बत को बाँधे क्यूँ हाय रे
दिलों की मोहब्बत को बाँधे क्यूँ हाय रे
दायरे
दायरे
दायरे
दायरे

है क्यूँ फ़ासले दरमियाँ ले के आये रे
है क्यूँ फ़ासले दरमियाँ ले के आये रे
दायरे
दायरे
दायरे
दायरे

काँच के वो ख़्वाब नाज़ुक थे हमारे सारे
छूने से ही टूटने लगे
मन्नतों में उम्र भर का
साथ जिनका माँगा
हमसफ़र वो छूटने लगे

ना मरना मुनासिब, जिया भी ना जाए रे
ना मरना मुनासिब, जिया भी ना जाए रे
दायरे
दायरे
दायरे



Credits
Writer(s): Pritam Chakraborty, Amitabh Bhattacharya
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