Bismil

बिस्मिल बिस्मिल बुलबुल-ए-बिस्मिल बिस्मिल.
मत मिल मत मिल गुल से मत मिल मत मिल.
ए बिस्मिल बिस्मिल बुलबुल-ए-बिस्मिल
मत मिल मत मिल गुल से मत मिल
बिस्मिल बिस्मिल बुलबुल-ए-बिस्मिल
ए दिल-ए-बुलबुले बुलबुल-ए-बिस्मिल
मुश्किल दिल भी मुश्किल होती हैं
दिल धड़के दिल धड़के तो
दिल धड़के दिल धड़के तो
धड़कन-ए-दिल भी हरकत-ए-दिल होती हैं
खुशबु-ए-गुल में, इश्क़ भरा है

मत मिल मत मिल गुल से मत मिल
ए बुलबुल-ए-बिस्मिल
मत मिल मत मिल गुल से मत मिल
ए बुलबुल-ए-बिस्मिल

हो. सुनले ज़माना समझाता हूं
तेरी कहानी दोहराता हूं
ए दिल-ए-बुलबुल बुलबुले बिस्मिल
ए दिल-ए-बुलबुल बुलबुल-ए-बिस्मिल
इक जोड़ा था नर-मादा का
भोली थी बुलबुल नर सादा था
इक जोड़ा था नर-मादा का
भोली थी बुलबुल नर सादा था

बर्फ गिरा करती थी
जब भर जाती थी कौसारों में
इक बाज़ बड़ा बदनीयत था
हां इक बाज़ बड़ा बदनीयत था
उड़ता था सब्ज़ा ज़ारों में
पंखों मे उसके मौत छुपी थी

महफ़िल महफ़िल ढूंढ रहा था
महलों की मंज़िल
महफ़िल महफ़िल ढूंढ रहा था
महलों की मंज़िल

बुलबुल के ख्वाबों में जाकर
ज़हर के डंक लगाए थे
खुश्बुए गुल मे ज़हर भरा
ओर मादा को भिजवाए थे
ज़हर के डंक लगाए थे
बुलबुल के ख्वाबों में जाकर
मादा को भिजवाए थे
ज़हर के डंक लगाए थे
ओ ओ. वादी मे छिड़का बारूद
दिल मे जाल बिछा डाले
छुरियों से बेचारे के
छुरियों से बेचारे के
दोनो पंख कटा डाले

अरे दिल दिल दिल दिल झूठ कहे ये
झूठ कहे बुज़दिल
मत मिल मत मिल गुल से मत मिल ए बुलबुल-ए-बिस्मिल
ए बुलबुले बिस्मिल
ए बुलबुले बिस्मिल

ज़ख़्मी नर को क़ैद किया क़ैद किया, क़ैद किया
ज़ंजीरों में बंधवाया
बारमुला के श्रीपुर से
फिर पाली में फिकवाया
ज़हलूं. ज़हलूं.
लाल लाल हुआ लाल लाल हुआ लाल लाल हुआ लाल
ज़हलूं. ज़हलूं.
लाल लाल हुआ लाल लाल हुआ लाल लाल हुआ लाल

कश्मीर के पानी की तासीरें
खुल गयी ज़ंजीरें तक़दीरें
ज़िंदा है वो ज़िंदा होगा
मुजरिम भी शरमिंदा होगा
ज़िंदा है वो ज़िंदा होगा
मुजरिम भी शरमिंदा होगा
ज़िंदा है वो ज़िंदा होगा
मुजरिम भी शरमिंदा होगा

होश में आ जा, होश में आ जा
ए बुलबुल-ए-बिस्मिल
ए बुलबुल-ए-बिस्मिल
खुश्बु-ए-गुल मे ज़हर भरा है
होश में आ जा, होश में आ जा
ए बुलबुल-ए-बिस्मिल
होश में आ जा, होश में आ जा
ए बुलबुल-ए-बिस्मिल



Credits
Writer(s): Gulzar, Vishal Bhardwaj
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