Kahin Kahin Se Har Chehra

कहीं-कहीं से हर चेहरा...
कहीं-कहीं से हर चेहरा तुम जैसा लगता है
तुमको भुल ना पाएँगे हम, ऐसा लगता है
ऐसा लगता है

ऐसा भी इक रंग है...
ऐसा भी इक रंग है, जो करता है बातें भी
जो भी इसको पहन ले वो अपना सा लगता है
तुमको भुल ना पाएँगे हम, ऐसा लगता है

कहीं-कहीं से हर चेहरा तुम जैसा लगता है
तुमको भुल ना पाएँगे हम, ऐसा लगता है
ऐसा लगता है

सा-सा-सा, गा-गा-गा-गा, पा-पा-पा-पा, आ
सा-सा-सा, गा-गा-गा-गा, पा-पा-पा-पा, आ
रे-रे-रे-रे-रे-मा, मा-पा-गा, गा-मा-रे, रे-गा-सा

और तो सब कुछ ठीक है, लेकिन
और तो सब कुछ ठीक है, लेकिन
कभी-कभी यूँ ही चलता-फिरता शहर
अचानक, अचानक तनहा लगता है

तुमको भुल ना पाएँगे हम, ऐसा लगता है
कहीं-कहीं से हर चेहरा तुम जैसा लगता है
तुमको भुल ना पाएँगे हम, ऐसा लगता है
ऐसा लगता है

अब भी यूँ मिलते हैं हमसे फूल चमेली के
जैसे इनसे अपना कोई...
जैसे इनसे अपना कोई रिश्ता लगता है
तुमको भूल ना पाएँगे हम, ऐसा लगता है

कहीं-कहीं से हर चेहरा तुम जैसा लगता है
तुमको भुल ना पाएँगे हम, ऐसा लगता है
ऐसा लगता है



Credits
Writer(s): Aadesh Shrivastava
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