Rooth Ke Hamse

रूठ के हमसे कहीं जब चले जाओगे तुम
रूठ के हमसे कहीं जब चले जाओगे तुम
ये ना सोचा था कभी इतने याद आओगे तुम
रूठ के हमसे कहीं जब चले जाओगे तुम
रूठ के हमसे कहीं

मैं तो ना चला था दो कदम भी तुम बिन
फिर भी मेरा बचपन यही समझा हर दिन
छोड़ के मुझे भला अब कहाँ जाओगे तुम?
छोड़ के मुझे भला अब कहाँ जाओगे तुम?

ये ना सोचा था कभी इतने याद आओगे तुम
रूठ के हमसे कहीं जब चले जाओगे तुम
रूठ के हमसे कहीं

बातों, कभी हाथों से भी मारा है तुम्हें
हो, सदा यही कह के ही पुकारा है तुम्हें
क्या कर लोगे मेरा? जो बिगड़ जाओगे तुम
क्या कर लोगे मेरा? जो बिगड़ जाओगे तुम

ये ना सोचा था कभी इतने याद आओगे तुम
रूठ के हमसे कहीं जब चले जाओगे तुम
रूठ के हमसे कहीं

देखो मेरे आँसू, यही करते हैं पुकार
हो, आओ चले आओ, मेरे भाई मेरे यार
पोंछने आँसू मेरे, क्या नहीं आओगे तुम?
पोंछने आँसू मेरे क्या, नहीं आओगे तुम?

ये ना सोचा था कभी इतने याद आओगे तुम
रूठ के हमसे कहीं जब चले जाओगे तुम
रूठ के हमसे कहीं



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Jatin Lalit
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