Aksar

अक्सर क्यूँ यूँ लगे कि तुम कोई और हो?
हम-तुम जहाँ थे मिले वो गुज़रा हुआ दौर हो
अक्सर फिर यूँ लगे कि तुम मेरी जान हो
तुमसे मेरी ज़िंदगी, तुम ही मेरी पहचान हो

अक्सर, दिल ही दिल अक्सर
हाँ, तुम्हें सोचकर दिल ही दिल अक्सर

अक्सर दिल को है गिला कि तुमसे मुझे क्या मिला
मेरी ज़िंदगी, मेरे प्यार का तुमने दिया क्या सिला
फिर कभी जब क़रीब से मैं ख़ुद को देख लूँ अगर
दिल के आईने में बस तुम ही तुम आओगी नज़र

अक्सर, दिल ही दिल अक्सर
हाँ, तुम्हें सोचकर दिल ही दिल अक्सर

अक्सर एक सवाल सा मेरे ज़हन में उठे
हम-तुम 'गर बिछड़ गए, होंगे कैसे सिलसिले?
घबरा के इस ख़्याल से मैं तुमसे फिर लिपट गया
तुम हो तो मैं भी हूँ, अब तुमसे मैं जाऊँ कहाँ?

तुमसे जाऊँ मैं कहाँ?
हाँ, तुम्हें सोचकर दिल ही दिल अक्सर

अक्सर, दिल ही दिल अक्सर
हाँ, तुम्हें सोचकर दिल ही दिल अक्सर

हाँ, तुम्हें सोचकर दिल ही दिल अक्सर



Credits
Writer(s): Kumaar, Uday, Justin
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