Agar Main Kahoon (From "Lakshya")
अगर मैं कहूँ, "मुझे तुमसे मोहब्बत है
मेरी बस यही चाहत है," तो क्या कहोगी?
अगर मैं कहूँ, "मुझे तुमसे मोहब्बत है
मेरी बस यही चाहत है," तो क्या कहोगी?
मैं तुमसे कहूँगी, "इस बात को अगर तुम
ज़रा और सजा के कहते
ज़रा घुमा-फिरा के कहते
तो अच्छा होता"
अगर मैं कहूँ, "तुमको जब देखूँ
लगती हो जैसे नई, होंठ हैं पंखुड़ी फूल की
आँखें जैसे जुगनूँ चमकते हुए"
सोचे मेरा ये दिल धड़कते हुए
अगर मैं कहूँ...
अगर मैं कहूँ, "ये जो चेहरा है
जैसे कोई चाँद है," तो क्या कहोगी?
मैं तुमसे कहूँगी, "मुझको भूले से भी
'चाँद' तुम ना कहो, चाँद में तो कई दाग़ हैं"
मुझे "फूल" ना कहना, वो मुरझाते हैं
"जुगनूँ" भी ना कहना, वो खो जाते हैं
ये बातें पुरानी हैं, जो मुझको सुनानी हैं
किसी और अदा से कहते
ज़रा घुमा-फिरा के कहते
तो अच्छा होता
अगर मैं कहूँ, "मुझे तुमसे मोहब्बत है
मेरी बस यही चाहत है," तो क्या कहोगी?
अगर मैं कहूँ, "बातें सुन के तुम्हारी मैं हैरान हूँ"
जो भी कहना है, कैसे कहूँ?
लगता तुम्हें कुछ भी अच्छा नहीं
सच को भी कहती हो, सच्चा नहीं
अगर मैं कहूँ...
अगर मैं कहूँ, "तुम्हें पता नहीं है क्यूँ?
है प्यार मुझे भी तुमसे," तो क्या कहोगे?
मैं तुमसे कहूँगा, "मेरे दिल का है ये कहना
'हमको है साथ में रहना'"
ये दोनों के दिल में है ना
तो फिर क्यूँ कहना?
अगर मैं कहूँ...
तो मैं तुमसे कहूँगी...
मेरी बस यही चाहत है," तो क्या कहोगी?
अगर मैं कहूँ, "मुझे तुमसे मोहब्बत है
मेरी बस यही चाहत है," तो क्या कहोगी?
मैं तुमसे कहूँगी, "इस बात को अगर तुम
ज़रा और सजा के कहते
ज़रा घुमा-फिरा के कहते
तो अच्छा होता"
अगर मैं कहूँ, "तुमको जब देखूँ
लगती हो जैसे नई, होंठ हैं पंखुड़ी फूल की
आँखें जैसे जुगनूँ चमकते हुए"
सोचे मेरा ये दिल धड़कते हुए
अगर मैं कहूँ...
अगर मैं कहूँ, "ये जो चेहरा है
जैसे कोई चाँद है," तो क्या कहोगी?
मैं तुमसे कहूँगी, "मुझको भूले से भी
'चाँद' तुम ना कहो, चाँद में तो कई दाग़ हैं"
मुझे "फूल" ना कहना, वो मुरझाते हैं
"जुगनूँ" भी ना कहना, वो खो जाते हैं
ये बातें पुरानी हैं, जो मुझको सुनानी हैं
किसी और अदा से कहते
ज़रा घुमा-फिरा के कहते
तो अच्छा होता
अगर मैं कहूँ, "मुझे तुमसे मोहब्बत है
मेरी बस यही चाहत है," तो क्या कहोगी?
अगर मैं कहूँ, "बातें सुन के तुम्हारी मैं हैरान हूँ"
जो भी कहना है, कैसे कहूँ?
लगता तुम्हें कुछ भी अच्छा नहीं
सच को भी कहती हो, सच्चा नहीं
अगर मैं कहूँ...
अगर मैं कहूँ, "तुम्हें पता नहीं है क्यूँ?
है प्यार मुझे भी तुमसे," तो क्या कहोगे?
मैं तुमसे कहूँगा, "मेरे दिल का है ये कहना
'हमको है साथ में रहना'"
ये दोनों के दिल में है ना
तो फिर क्यूँ कहना?
अगर मैं कहूँ...
तो मैं तुमसे कहूँगी...
Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Ehsaan Noorani, Shankar Mahadevan, Aloyius Peter Mendonsa
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