Hum Dono Do Premi - From "Ajnabee"

हम दोनो, दो प्रेमी दुनिया छोड़ चले
जीवन की हम सारी रस्में तोड़ चले
(ऐ बाबू कहाँ जइबो रे?)
हम दोनो, दो प्रेमी दुनिया छोड़ चले
जीवन की हम सारी रस्में तोड़ चले

ओ, बाबूल की आए मोहे याद
जाने क्या हो अब इस के बाद
हम दोनो, दो प्रेमी दुनिया छोड़ चले
जीवन की हम सारी रस्में तोड़ चले

जाना कहाँ है बता उस शहर का नाम
ले चल जहाँ तेरी मर्ज़ी ये तेरा है काम
मुझपे है इतना ऐतबार?
मैंने किया है तुम से प्यार

हम दोनो, दो प्रेमी दुनिया छोड़ चले
जीवन की हम सारी रस्में तोड़ चले

ऐ क्या सोच रही हो?
कौन मैं?
हाँ-हाँ
कुछ भी तो नहीं
बोलो ना, कुछ तो

ऐसा न हो तू कभी छोड़ दे मेरा साथ
अरे, फिर न कभी कहना दिल तोड़ने वाली बात
ओ, मैंने तो की थी दिल्लगी
अच्छा! मैंने भी की थी दिल्लगी

हम दोनो, दो प्रेमी दुनिया छोड़ चले
जीवन की हम सारी रस्में तोड़ चले



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Rahul Dev Burman
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