Mujhe Chu Rahi Hain Teri Garam Sansen - From "Swayamvar"

मुझे छू रही हैं तेरी गर्म साँसें
मेरे रात और दिन महकने लगे हैं
तेरी नर्म साँसों ने ऐसे छुआ है
कि मेरे तो पाँव बहकने लगे हैं

लबों से अगर तुम बुला ना सको तो
निगाहों से तुम नाम लेकर बुला लो
तुम्हारी निगाहें बहुत बोलती हैं
ज़रा अपनी आँखों पे पलकें गिरा दो

मुझे छू रही हैं तेरी गर्म साँसें
मेरे रात और दिन महकने लगे हैं

पता चल गया है कि मंज़िल कहाँ है
चलो, दिल के लंबे सफ़र पे चलेंगे
सफ़र ख़त्म कर देंगे हम तो वहीं पर
जहाँ तक तुम्हारे क़दम ले चलेंगे

मुझे छू रही हैं तेरी गर्म साँसें
मेरे रात और दिन महकने लगे हैं
तेरी नर्म साँसों ने ऐसे छुआ है
कि मेरे तो पाँव बहकने लगे हैं



Credits
Writer(s): Rajesh Roshan Nagrath
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