Hum Tumhen Chahte Hain - From "Qurbani"

ओ हो
नसीब इंसान का
नसीब इंसान का
नसीब इंसान का
चाहत से ही सँवरता है
क्या बुरा इसमें
किसी पर जो कोई मरता है

हम तुम्हें चाहते हैं ऐसे
हम तुम्हें चाहते हैं ऐसे
मरने वाला कोई
मरने वाला कोई
ज़िंदगी चाहता हो जैसे
हम तुम्हें चाहते हैं ऐसे

रूठ जाओ अगर
तुम तो क्या हो
रूठ जाओ अगर
तुम तो क्या हो
पल में ऐसे लगे
पल में ऐसे लगे
जिस्म से जान जैसे जुदा हो
हम तुम्हें चाहते हैं ऐसे
मरने वाला कोई
मरने वाला कोई
ज़िंदगी चाहता हो जैसे
हम तुम्हें चाहते हैं ऐसे

ज़रा पूछो तो मेरा इरादा
ज़रा पूछो तो मेरा इरादा
मुझे किससे है प्यार
मेरे दिल का है कौन शहज़ादा
ज़रा पूछो तो मेरा इरादा

मेरे ख्वाबों में जो सज रहा है
मेरे ख्वाबों में जो सज रहा है
वो ख़ुदा तो नहीं
पर ज़माने में सबसे जुदा है
मेरे ख्वाबों में जो सज रहा है

ज़िंदगी बिन तुम्हारे अधूरी
ज़िंदगी बिन तुम्हारे अधूरी
तुमको पा लूँ अगर
तुमको पा लूँ अगर
हर कमीं मेरी हो जाये पूरी
ज़िंदगी बिन तुम्हारे अधूरी

ले चलेंगे तुम्हें हम वहाँ पर
ले चलेंगे तुम्हें हम वहाँ पर
तन्हाई सनम
तन्हाई सनम
शहनाई बन जाये जहाँ पर
हम तुम्हें चाहते हैं ऐसे

हम तुम्हें चाहते हैं ऐसे
मरने वाला कोई
मरने वाला कोई
ज़िंदगी चाहता हो जैसे
हम तुम्हें चाहते हैं ऐसे



Credits
Writer(s): V. Mehta, S. Latti, Kalyanji Anandji, N. Rajsakha, Shyamlal Harlal Rai Indivar, A. Basra
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