Main Khoya

मैं खोया...
मैं खोया हुआ अवारा, ना दोस्त, ना सहरा
दुनिया के भँवर में ढूँढ़ता किनारा
ढूँढ़ता किनारा, ढूँढ़ता किनारा

मैं खोया...
मैं खोया हुआ अवारा, ना दोस्त, ना सहरा
दुनिया के भँवर में ढूँढ़ता किनारा
ढूँढ़ता किनारा, ढूँढ़ता किनारा

ख़बर नहीं की कहाँ हूँ मैं?
ये जगह हैं क्या, जिस जगह हूँ मैं?
सिमटी सी हैं गलियाँ क्यूँ?
हर मोड़ पे है सन्नाटा क्यूँ?
हर मोड़ पे है सन्नाटा क्यूँ?

मैं खोया...
मैं खोया हुआ अवारा, ना दोस्त, ना सहरा
दुनिया के भँवर में ढूँढ़ता किनारा
ढूँढ़ता किनारा, ढूँढ़ता किनारा
मैं खोया...

सोच रहा हूँ मैं हूँ क्या?
साँसों मे छाया, क्यूँ हैं धुआँ?
दिल मे उठे चिंगारी क्यूँ?
कही मैं तो नहीं हूँ कोई शम्मा?
कही मैं तो नहीं हूँ कोई शम्मा?

मैं खोया...
मैं खोया हुआ अवारा, ना दोस्त, ना सहरा
दुनिया के भँवर में ढूँढ़ता किनारा
ढूँढ़ता किनारा, ढूँढ़ता किनारा
मैं खोया...

सूरज की नई किरणों से
धुंध की परते हट भी गई
उलझन की बदली छट गई

इनकी माया...
इनकी माया, एक तारा

मैं खोया था...
मैं खोया था अवारा, हैं दोस्त और सहारा
दुनिया के भँवर में पा लिया किनारा
मिल गया किनारा, पा लिया किनारा
मैं खोया था...

जो भी धूल की चादर ओढ़े
मख़मल से जो नाता तोड़े
मिट्टी से जो पैदा हुआ
मिट्टी से ख़ुद को जोड़े

'गर ऐसा कोई, कोई हो तो
नाचे, नाचे-नाचे, नाचे आलम ये सारा
नाचे आलम ये सारा

मैं खोया था...
मैं खोया था अवारा, हैं दोस्त और सहारा
दुनिया के भँवर में पा लिया किनारा
मिल गया किनारा, हाँ, पा लिया किनारा
मैं खोया था...

दिल की ख़ुशी, ज़हन का सुकूँ
'गर दोस्त हैं तुम्हारे
तो झोली में ख़ज़ाने का
होगा तुम्हें, होगा हँसी नज़ारा

मैं खोया था...
मैं खोया था अवारा, हैं दोस्त और सहारा
दुनिया के भँवर में पा लिया किनारा
मिल गया किनारा, हो, पा लिया किनारा
मिल गया किनारा, हो, पा लिया किनारा



Credits
Writer(s): Bappi Lahiri, Imran Ahmad Khan
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