Jab Dil Churaya

जब दिल चुराए कोई, अपना बनाए कोई
सपने दिखाए और हो जाए फिर जुदा

जब दिल चुराए कोई, अपना बनाए कोई
सपने दिखाए और हो जाए फिर जुदा
चाहत के सब अफ़साने, दिल जिनको सच ही माने
बन के वो रह जाते हैं एक अनसुनी सदा

हो, क्यूँ देखे हमने चाहत के सपने?
दिल सोचता है और रोता है ज़ार-ज़ार

जब दिल चुराए कोई, अपना बनाए कोई
सपने दिखाए और हो जाए फिर जुदा

ये दूरियाँ दिल की, मजबूरियाँ दिल की
सच हैं, मगर फिर भी माने ना दिल मेरा
भीगी सी आँखों में, सूनी सी राहों में
हम ले चले हैं कितनी यादों का कारवाँ

हो, अब मन ही मन में, दीवानेपन में
दिल सोचता है और रोता है ज़ार-ज़ार

जब दिल चुराए कोई, अपना बनाए कोई
सपने दिखाए और हो जाए फिर जुदा
जब दिल चुराए कोई...

दिल में तमन्ना है, दिल में इरादे हैं
ख़्वाबों के मेले लेकर जाएँ भी तो कहाँ?
कुछ तुम ना कह सके, कुछ हम ना कह सके
जाने क्यूँ हो जाती है ख़ामोश ये ज़ुबाँ

हो, क्या दिल को हो गया, क्या दिल का खो गया
दिल सोचता है और (रोता है ज़ार-ज़ार)

जब दिल चुराए कोई, अपना बनाए कोई
सपने दिखाए और हो जाए फिर जुदा
चाहत के सब अफ़साने, दिल जिनको सच ही माने
बन के वो रह जाते हैं एक अनसुनी सदा



Credits
Writer(s): Anand Raj Anand, Pravin Bhardwaj
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