Main Ek Khwab

मैंने एक ख़्वाब देखा है
मैंने एक ख़्वाब देखा है

शहर की सबसे ऊँची building के पीछे से
एक नया सूरज निकला है
हो, शहर की सबसे ऊँची building के पीछे से
एक नया सूरज निकला है

ऐसा उजाला है के जैसे सोना पिघल रहा है
किरणों की बारिश में सारा मंज़र बदल रहा है

मैंने एक ख़्वाब देखा है
हो, मैंने एक ख़्वाब देखा है

प्यारे-प्यारे घर हैं, उजले हैं रस्ते
बच्चे निकले हैं लेकर कँधों पर बस्ते
दूर कहीं घंटी बजती है
आने वाली दुनिया की आशा सजती है
भोली-भाली आँखों में सपने पलते हैं
बच्चे तेज़ क़दम चलतें हैं

मैंने एक ख़्वाब देखा है
हो, मैंने एक ख़्वाब देखा है

सागर और दरियाओं में है गहरा नीला पानी
हो, सागर और दरियाओं में है गहरा नीला पानी
फ़िज़ा में कोई ज़हर नहीं है, धुआँ नहीं है

चेहरे धुले-धुले हैं, जिनपर लिखी हुई है...
चेहरे धुले-धुले हैं, जिनपर लिखी हुई है प्रेम कहानी

मैंने एक ख़्वाब देखा है
मैंने एक ख़्वाब देखा है

सरहद-सरहद लोग गले मिलने निकले हैं
अपने हाथों से बंदूकें फेंक रहे हैं
प्रेम तराने गूँज रहे हैं चारों दिशा में
प्यार की बातें जैसी घुली है नर्म हवा में

मैंने एक ख़्वाब देखा है (ख़्वाब देखा है)

सरहद-सरहद लोग गले मिलने निकले हैं
अपने हाथों से बंदूकें फेंक रहे हैं
प्रेम तराने गूँज रहे हैं चारों दिशा में
प्यार की बातें जैसी घुली है नर्म हवा में

मैंने एक ख़्वाब देखा है
मैंने एक ख़्वाब देखा है

ना कोई दुख है, ना कोई ग़म है
ना कोई उलझन, ना कोई नफ़रत
ना कोई जंग है, ना कोई दुश्मन

ना कोई दुख है, ना कोई ग़म है
ना कोई उलझन, ना कोई नफ़रत (हो, मैंने एक ख़्वाब देखा है)
ना कोई जंग है, ना कोई दुश्मन (मैंने एक ख़्वाब देखा है)

ना कोई दुख है, ना कोई ग़म है
ना कोई उलझन, ना कोई नफ़रत (हो, मैंने एक ख़्वाब देखा है)
ना कोई जंग है, ना कोई दुश्मन



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Shankar Mahadevan
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