Maa Sunn Le Zara

दिल पे उम्मीद का बोझ
कुछ माँगे हर कोई रोज़

दिल पे उम्मीद का बोझ
कुछ माँगे हर कोई रोज़
हँसी मेरी कहीं छुप गई
कहानी कहीं रुक गई

माँ, सुन ले ज़रा
कहता है क्या दिल ये मेरा
माँ, सुन ले ज़रा
कहता है क्या दिल ये मेरा

उलझन में क़समों ने ला के मुझे रख दिया
देके ख़ुशी अपनों को कैसा ज़ख़म ख़ुद को दिया
रूठी-रूठी सी हँसी, झूठा-झूठा हर लम्हा
भीगी-भीगी आँखें, तनहा-तनहा

मन चाहे मेरा उड़ जाऊँ
सपनों से ख़ुद के जुड़ जाऊँ
बन जाऊँ आज़ाद परिंदा मैं कोई
उड़ जाऊँ ऊँचे अंबर की ओर

दिल पे उम्मीद का बोझ
कुछ माँगे हर कोई रोज़
हँसी मेरी कहीं छुप गई
कहानी कहीं रुक गई

माँ, सुन ले ज़रा
कहता है क्या दिल ये मेरा
ओ, माँ, सुन ले ज़रा
कहता है क्या दिल ये मेरा

सुरमई मेरे सपने पलकों तले जल गए
आँसू मेरे नैनों से मोम बन पिघल गए
स्याही से इंद्रधनुष की थोड़े से रंग चुराऊँ
चंदा की ठंडी किरण में मैं सो जाऊँ

तारों को छू लूँ मैं, बन बादल तर जाऊँ
मुझको गोद में तू, माँ, छुपा ले कहीं
सुन ना सकूँ इस दुनिया का शोर

दिल पे उम्मीद का बोझ
कुछ माँगे हर कोई रोज़
हँसी मेरी कहीं छुप गई
कहानी कहीं रुक गई

माँ, सुन ले ज़रा
कहता है क्या दिल ये मेरा
माँ, सुन ले ज़रा
कहता है क्या दिल ये मेरा



Credits
Writer(s): Sunil Prem Vyas, Amol Powle, Kishor Kishor, Sushant Pawar
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