Raat Ki Hatheli Par

रात की हथेली पर चाँद जगमगाता है
रात की हथेली पर चाँद जगमगाता है
उसकी नर्म किरणों में तुम को देखता हूँ तो
दिल धड़क सा जाता है, दिल धड़क सा जाता है

रात की हथेली पर चाँद जगमगाता है
रात की हथेली पर चाँद जगमगाता है

तुम कहाँ से आई हो? किस नगर को जाओगी?
तुम कहाँ से आई हो? किस नगर को जाओगी?
सोचता हूँ मैं हैराँ, चाँद जैसा ये चेहरा
रात जैसी ये ज़ुल्फ़ें, हैं जगाएँ १०० अरमाँ
इक नशा सा आँखों में धीरे-धीरे छाता है

रात की हथेली पर चाँद जगमगाता है
रात की हथेली पर चाँद जगमगाता है
उसकी नर्म किरणों में तुम को देखता हूँ तो
दिल धड़क सा जाता है, दिल धड़क सा जाता है
रात की हथेली पर चाँद जगमगाता है

मेरी इस तनहाई में, मेरे इस वीराने में
मेरी इस तनहाई में, मेरे इस वीराने में
रंग लेके तुम आई, फिर भी सोचता हूँ मैं
क्या यहाँ तुम सचमुच हो या हो सिर्फ़ परछाई?
ख़ाब जैसे बनता है, और टूट जाता है

रात की हथेली पर चाँद जगमगाता है
रात की हथेली पर चाँद जगमगाता है
उसकी नर्म किरणों में तुम को देखता हूँ तो
दिल धड़क सा जाता है, दिल धड़क सा जाता है

रात की हथेली पर चाँद जगमगाता है
रात की हथेली पर चाँद जगमगाता है



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Anu Malik
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