Bulbula Re Bulbula (From "Aunty No1")

बुलबुला रे, बुलबुला, मुझको बाँहों में सुला
बुलबुला रे, बुलबुला, मुझको बाँहों में सुला
खो के मेरी आशिक़ी में सारी दुनिया को भुला
बुलबुला रे, बुलबुला, मुझको बाँहों में सुला
खो के मेरी आशिक़ी में सारी दुनिया को भुला

बुलबुला रे, बुलबुला, "दिलरुबा" कह के बुला
साथियाँ, तेरे लिए तो दिल का दरवाज़ा खुला
बुलबुला रे, बुलबुला, मुझको बाँहों में सुला
खो के मेरी आशिक़ी में सारी दुनिया को भुला

मनचली इन वादियों में खुशबुएँ है प्यार की
कर दे पूरी आज सारी ख्वाहिशें दिलदार की
कह रहे हैं ये नज़ारें, "रुत यहीं दीदार की
ना रहेगी अब अधूरी आरज़ू मेरे यार की"

बुलबुला रे, बुलबुला, मुझको बाँहों में सुला
खो के मेरी आशिक़ी में सारी दुनिया को भुला
बुलबुला रे, बुलबुला, "दिलरुबा" कह के बुला
साथियाँ, तेरे लिए तो दिल का दरवाज़ा खुला

गोरा-गोरा रूप तेरा, काले-काले बाल है
होंठ तेरे हैं रसीले, फूल जैसे गाल हैं
मैं दीवानी हो रही हूँ, और ना तारीफ़ कर
बढ़ रही है बेक़रारी डाल ना ऐसी नज़र

बुलबुला रे, बुलबुला, मुझको बाँहों में सुला
बुलबुला रे, बुलबुला, मुझको बाँहों में सुला
खो के मेरी आशिक़ी में सारी दुनिया को भुला

बुलबुला रे, बुलबुला, मुझको बाँहों में सुला
खो के मेरी आशिक़ी में सारी दुनिया को भुला
बुलबुला रे, बुलबुला, "दिलरुबा" कह के बुला
साथियाँ, तेरे लिए तो दिल का दरवाज़ा खुला



Credits
Writer(s): Sameer, Milind Shrivastav, Anand Shrivastav
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link