Suniye To

सुनिए तो, रुकिए तो
क्यूँ हैं खफ़ा? अरे, कहिए तो
ऐसी क्या जल्दी जाने की?
दीवाना हूँ माना, सुनिए, दीवाने की

सुनिए तो, रुकिए तो
क्यूँ हैं खफ़ा? अरे, कहिए तो
ऐसी क्या जल्दी जाने की?
दीवाना हूँ माना, सुनिए, दीवाने की

ये शाम का दिलकश मंज़र, ये साहिल और समंदर
कहते हैं; "आप ना जाएँ", हम पर ये करम फ़रमाएँ
ये शाम का दिलकश मंज़र, ये साहिल और समंदर
कहते हैं; "आप ना जाएँ", हम पर ये करम फ़रमाएँ

सुनिए तो, कहती हैं बलखाती लहरे
आप ज़रा कुछ देर तो ठहरें

सुनिए तो, रुकिए तो
क्यूँ हैं खफ़ा? अरे, कहिए तो
ऐसी क्या जल्दी जाने की?
दीवाना हूँ माना, सुनिए, दीवाने की

इठलाती शोख हवाएँ, भीगी रंगीन फ़िज़ाएँ
जो आप को देखे जाएँ तो सीखें और अदाएँ
इठलाती शोख हवाएँ, भीगी रंगीन फ़िज़ाएँ
जो आप को देखे जाएँ तो सीखें और अदाएँ

सुनिए तो, ये ज़ूलफ़े जो देखें बादल
सारे बरस बरसे वो पागल

हे, सुनिए तो, रुकिए तो
क्यूँ हैं खफ़ा? अरे, कहिए तो
ऐसी क्या जल्दी जाने की?
दीवाना हूँ माना, सुनिए, दीवाने की

हे, सुनिए तो, रुकिए तो
क्यूँ हैं खफ़ा? अरे, कहिए तो
ऐसी क्या जल्दी जाने की?
दीवाना हूँ माना, सुनिए, दीवाने की



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Pandit Jatin, Lalit Pandit
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