Jeth Ki Dopahari Mein

जेठ की दोपहरी में पाँव जले हैं
सैयाँ, पाँव जले हैं
जेठ की दोपहरी में पाँव जले हैं
सैयाँ, पाँव जले हैं
आ के गोद में उठा, थाम ले बैयाँ

जेठ की दोपहरी में गर्मी लगे है
रानी, गर्मी लगे है
जेठ की दोपहरी में गर्मी लगे है
रानी, गर्मी लगे है
आ के मुझ को बिठा, ज़ुल्फ़ों की छैयाँ

हाँ, जेठ की दोपहरी में पाँव जले हैं
सैयाँ, पाँव जले हैं
अरे, जेठ की दोपहरी में गर्मी लगे है
रानी, गर्मी लगे है

दिन बीते मधुमास के, आया मौसम धूप का
ढल ना जाए बालमा, रंग मेरे इस रूप का
अरे, आजा तुझ पे डाल दूँ छाया अपने प्यार की
मल दूँ गोरे रंग पे खुशबू मैं गुलनार की

यहाँ-वहाँ डगरी में पाँव जले हैं
सैयाँ, पाँव जले हैं, hey-hey
यहाँ-वहाँ डगरी में पाँव जले हैं
सैयाँ, पाँव जले हैं
हो, आ के गोद में उठा, थाम ले बैयाँ, हाँ

जेठ की दोपहरी में गर्मी लगे है
रानी, गर्मी लगे है
अरे, जेठ की दोपहरी में पाँव जले हैं
सैयाँ, पाँव जले हैं

तन से पसीना पोछ दूँ, दे-दे आँचल की हवा
आएगी कब क्या पता अपने संगम की घटा
क्यूँ इतना बेताब है? क्यूँ इतना बेचैन है?
साजन, अपनी प्रीत की आने वाली रैन है

तेरी इस नगरी में पाँव जले हैं
रानी, पाँव जले हैं
तेरी इस नगरी में पाँव जले हैं
रानी, पाँव जले हैं
आ के मुझ को बिठा, ज़ुल्फ़ों की छैयाँ

जेठ की दोपहरी में गर्मी लगे है
सैयाँ, गर्मी लगे है
जेठ की दोपहरी में गर्मी लगे है
सैयाँ, गर्मी लगे है
हो, आ के गोद में उठा, थाम ले बैयाँ (हाँ)

जेठ की दोपहरी में गर्मी लगे है
रानी, गर्मी लगे है
हो, जेठ की दोपहरी में पाँव जले हैं
सैयाँ, पाँव जले हैं



Credits
Writer(s): Sameer, Anand-milind
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