Khate Hain Hum Kasam

खाते हैं हम क़सम, तुमको ही चाहेंगे
खाते हैं हम क़सम, तुमको ही चाहेंगे
तेरे सिवा कहीं दिल ना लगाएँगे
अब तो तुम्हें सनम, हम ना भुलाएँगे

खाते हैं हम क़सम, तुमको ही चाहेंगे
खाते हैं हम क़सम, तुमको ही चाहेंगे
तेरे सिवा कहीं दिल ना लगाएँगे
अब तो तुम्हें सनम, हम ना भुलाएँगे
खाते हैं हम क़सम, तुमको ही चाहेंगे
तेरे सिवा कहीं दिल ना लगाएँगे

गवाही अपनी मोहब्बत की देंगे ज़मीं-आसमाँ
किसी दिन तेरी ही चाहत में छोड़ेंगे दोनों जहाँ
जब तक हैं साँसें, जब तक है दम

खाते हैं हम क़सम, तुमको ही चाहेंगे
तेरे सिवा कहीं दिल ना लगाएँगे
अब तो तुम्हें सनम, हम ना भुलाएँगे
खाते हैं हम क़सम, तुमको ही चाहेंगे
तेरे सिवा कहीं दिल ना लगाएँगे

कुछ भी कर ले ये दुनिया
अब प्यार होगा ना कम
कभी ना होंगे जुदा तुम से
सह लेंगे सारे सितम
चाहे खुशी हो, चाहे हो ग़म

खाते हैं हम क़सम, तुमको ही चाहेंगे
तेरे सिवा कहीं दिल ना लगाएँगे
अब तो तुम्हें सनम, हम ना भुलाएँगे
खाते हैं हम क़सम, तुमको ही चाहेंगे
तेरे सिवा कहीं दिल ना लगाएँगे
अब तो तुम्हें सनम, हम ना भुलाएँगे

खाते हैं हम क़सम, तुमको ही चाहेंगे
तेरे सिवा कहीं दिल ना लगाएँगे



Credits
Writer(s): Sameer, Nadeem Saifi, Shravan Rathod
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