Sabse Hum Door Huye

सब से हम दूर हुए तुम से मिलने के बाद
सब से हम दूर हुए तुम से मिलने के बाद
इश्क़ में चूर हुए तुम से मिलने के बाद

सब से हम दूर हुए तुम से मिलने के बाद
सब से हम दूर हुए तुम से मिलने के बाद
कितने मग़रूर हुए तुम से मिलने के बाद
सब से हम दूर हुए तुम से मिलने के बाद

पहले तो ना लगती थी ये दुनिया इतनी प्यारी
पहले तो कभी भी ना थी ऐसी बेक़रारी
हल्का-हल्का दर्द है, कोई हल्का सा नशा
ऐसे अलाम में भी मुझ को आता है मज़ा

ज़ख़्म नासूर हुए तुम से मिलने के बाद
सब से हम दूर हुए तुम से मिलने के बाद
सब से हम दूर हुए तुम से मिलने के बाद

इम्तिहाँ मोहब्बत में मैं भी कभी लूँगा
इश्क़ में तेरे, दिलबर, अपनी जान दूँगा
तू जो कह दे तो मैं छोड़ूँ ये सारा जहाँ
जीना क्या, मरना भी मुश्किल है अब तेरे बिना

कितने मजबूर हुए तुम से मिलने के बाद
सब से हम दूर हुए तुम से मिलने के बाद
सब से हम दूर हुए तुम से मिलने के बाद

आजा, पास आजा, तुझे सीने से लगा लूँ
बरसों की बेताबियों को आज मैं मिटा दूँ
तेरी चाहत मेरे दिल में है अब सुबह-ओ-शाम
मेरे होंठों पे तो है अब बस एक तेरा नाम

कितने मसरूर हुए तुम से मिलने के बाद
सब से हम दूर हुए तुम से मिलने के बाद
सब से हम दूर हुए तुम से मिलने के बाद

इश्क़ में चूर हुए तुम से मिलने के बाद
सब से हम दूर हुए तुम से मिलने के बाद
सब से हम दूर हुए तुम से मिलने के बाद
कितने मग़रूर हुए तुम से मिलने के बाद



Credits
Writer(s): Sameer, Rathod Shrawan
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