Kaga to Ud Gaya

कागा तो उड़ गया मीठी बोली बोल के
कागा तो उड़ गया मीठी बोली बोल के
बैठी हूँ मैं कब से घूँघट पट खोल के
बैठी हूँ मैं कब से घूँघट पट खोल के

कागा तो उड़ गया मीठी बोली बोल के
बैठी हूँ मैं कब से घूँघट पट खोल के
कागा तो उड़ गया मीठी बोली बोल के
कागा तो उड़ गया मीठी बोली बोल के

नस-नस में मेरी विरह की प्यास है
नस-नस में मेरी विरह की प्यास है
मन के मयूर को मिलन की आस है

थक गए नैना तो रस्ता निहार के
हारी मनमीत मैं तो तुझ को पुकार के
मेरे अंग-अंग में ज़हर रस घोल के
मेरे अंग-अंग में ज़हर रस घोल के

कागा तो उड़ गया मीठी बोली बोल के
कागा तो उड़ गया मीठी बोली बोल के

आजा, परदेसिया, सपनों के गाँव में
आजा, परदेसिया, सपनों के गाँव में
तुझ को छुपा लूँ मैं पलकों की छाँव में

यौवन की नई उठती उमंग से
तन तेरा रंग दूँ प्रीत के रंग से
तुझ बिन रह गया कुँवारा मन डोल के
तुझ बिन रह गया कुँवारा मन डोल के

कागा तो उड़ गया मीठी बोली बोल के
कागा तो उड़ गया मीठी बोली बोल के
बैठी हूँ मैं कब से घूँघट पट खोल के

कागा तो उड़ गया मीठी बोली बोल के
कागा तो उड़ गया मीठी बोली बोल के



Credits
Writer(s): Sanjeev Darshan, Sameer Lalji Anjaan
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