Main Zindagi Ka Saath (From "Hum Dono")

मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ा...

बर्बादियों का सोग मनाना फ़जूल था
बर्बादियों का सोग मनाना फ़जूल था
मनाना फ़जूल था, मनाना फ़जूल था

बर्बादियों का जश्न मनाता चला गया
बर्बादियों का जश्न मनाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ा...

जो मिल गया उसी को मुक़द्दर समझ लिया
जो मिल गया उसी को मुक़द्दर समझ लिया
मुक़द्दर समझ लिया, मुक़द्दर समझ लिया

जो खो गया मैं उसको भुलाता चला गया
जो खो गया मैं उसको भुलाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ा...

ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ ना महसूस हो जहाँ
ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ ना महसूस हो जहाँ
ना महसूस हो जहाँ, ना महसूस हो जहाँ

मैं दिल को उस मुक़ाम पे लाता चला गया
मैं दिल को उस मुक़ाम पे लाता चला गया
मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया



Credits
Writer(s): Jaidev, Ludiavani Sahir
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