Phool Tumhe Bheja Hai Khat Mein - From "Saraswatichandra"

फूल तुम्हें भेजा है ख़त में, फूल नहीं, मेरा दिल है
फूल तुम्हें भेजा है ख़त में, फूल नहीं, मेरा दिल है
प्रियतम मेरे, मुझको लिखना क्या ये तुम्हारे क़ाबिल है?

प्यार छुपा है ख़त में इतना, जितने सागर में मोती
प्यार छुपा है ख़त में इतना, जितने सागर में मोती
चूम ही लेता हाथ तुम्हारा, पास जो मेरे तुम होती
फूल तुम्हें भेजा है ख़त में...

नींद तुम्हें तो आती होगी, क्या देखा तुमने सपना?
नींद तुम्हें तो आती होगी, क्या देखा तुमने सपना?
आँख खुली तो तन्हाई थी, सपना हो ना सका अपना

तन्हाई हम दूर करेंगे, ले आओ तुम शहनाई
ले आओ तुम शहनाई
प्रीत बढ़ा कर भूल ना जाना, प्रीत तुम्हीं ने सिखलाई

फूल तुम्हें भेजा है ख़त में, फूल नहीं, मेरा दिल है
फूल तुम्हें भेजा है ख़त में...

ख़त से जी भरता ही नहीं, अब नैन मिले तो चैन मिले
ख़त से जी भरता ही नहीं, अब नैन मिले तो चैन मिले
चाँद हमारे अंगना उतरे, कोई तो ऐसी रैन मिले

मिलना हो तो कैसे मिलें हम? मिलने की सूरत लिख दो
मिलने की सूरत लिख दो
नैन बिछाए बैठे हैं हम, कब आओगे ख़त लिख दो?

फूल तुम्हें भेजा है ख़त में, फूल नहीं, मेरा दिल है
फूल तुम्हें भेजा है ख़त में...



Credits
Writer(s): Anandji V Shah, Kalyanji Virji Shah, Indeewar
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