Chithi Na Koi (male)

चिट्ठी, ना कोई संदेस
हो, चिट्ठी, ना कोई संदेस, जाने वो कौन सा देस
जहाँ तुम चले गए
चिट्ठी, ना कोई संदेस, जाने वो कौन सा देस
जहाँ तुम चले गए

चिट्ठी, ना कोई संदेस, जाने वो कौन सा देस
जहाँ तुम चले गए, जहाँ तुम चले गए
इस दिल पे लगा के ठेस, जाने वो कौन सा देस
जहाँ तुम चले गए

एक आह भरी होगी, हम ने ना सुनी होगी
जाते-जाते तुम ने आवाज़ तो दी होगी
हर वक़्त यही है ग़म
उस वक्त कहाँ थे हम? कहाँ तुम चले गए?

चिट्ठी, ना कोई संदेस, जाने वो कौन सा देस
जहाँ तुम चले गए, जहाँ तुम चले गए
इस दिल पे लगा के ठेस, जाने वो कौन सा देस
जहाँ तुम चले गए

हर चीज़ पे अश्कों से लिखा है तुम्हारा नाम
ये रस्ते, घर, गलियाँ तुम्हें कर ना सकें सलाम
हाय, दिल में रह गई बात
जल्दी से छुड़ा कर हाथ कहाँ तुम चले गए?

चिट्ठी, ना कोई संदेस, जाने वो कौन सा देस
जहाँ तुम चले गए, जहाँ तुम चले गए
इस दिल पे लगा के ठेस, जाने वो कौन सा देस
जहाँ तुम चले गए

अब यादों के काँटे इस दिल में चुभते हैं
ना दर्द ठहरता है, ना आँसू रुकते हैं
तुम्हें ढूँढ रहा है प्यार
हम कैसे करें इक़रार कि हाँ तुम चले गए?

चिट्ठी, ना कोई संदेस, जाने वो कौन सा देस
जहाँ तुम चले गए, जहाँ तुम चले गए
इस दिल पे लगा के ठेस, जाने वो कौन सा देस
जहाँ तुम चले गए

हो, कहाँ तुम चले गए?
हो, कहाँ तुम चले गए?
हो, कहाँ तुम चले गए?



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Uttam Singh
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