Yashomati Maiya Se Bole Nandlala

फिर माँ क्या कहती थी?
कहती क्या थी
बस काजल का टीका माथे पर लगा कर पलैया लेती थीं
कि उस के लाडले को किसी की नज़र ना लग जाए
जानते हैं बाबू जी श्याम साँवरे भी अपनी माँ से ऐसा ही पूछा करते थे
क्या?

यशोमती मैया से बोले नंदलाला
"राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला?"
"राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला?"

वाह, ये तो कमाल हो गया
बिल्कुल यही तो मैं पूछा करता था
अच्छा तो मैया क्या जवाब देती थी?

बोली मुस्काती मैया, "सुन, मेरे प्यारे"
बोली मुस्काती मैया, "सुन, मेरे प्यारे"
गोरी-गोरी राधिका के नैन कजरारे

काले नैनों वाली ने, हो
काले नैनों वाली ने ऐसा जादू डाला
इसलिए काला"

यशोमती मैया से बोले नंदलाला
"राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला?"
"राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला?"

बिल्कुल ठीक जवाब दिया यशोदा मैया ने
अब समझ में आया
कि मुझ पे भी मेरी रूपा की कजरारी आँखों का ही रंग चढ़ गया

छी बाबू जी, क्यूँ झूठा दोष देते हैं मुझे?
इस में झूठ क्या है?
जब देखो घूरती रहती हो मुझे
तुम ही ने तो जादू डाला है मुझ पे

इतने में राधा प्यारी आई इठलाती
इतने में राधा प्यारी आई इठलाती
"मैंने ना जादू डाला," बोली बलखाती

मैया, कन्हैया तेरा, हो
मैया, कन्हैया तेरा जग से निराला
इसलिए काल

यशोमती मैया से बोले नंदलाला
"राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला?"
"राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला?"

मान गए राधा रानी, बड़ी चालाक हो
किस सफ़ाई से बात टाल गई



Credits
Writer(s): Laxmikant Pyarelal, Sharma Pandit Narendra
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