Mere Jeevan Saathi

मेरे जीवन साथी, कली थी मैं तो प्यासी
तूने देखा हुई, खिल के बहार
मेरे जीवन साथी, कली थी मैं तो प्यासी
तूने देखा हुई, खिल के बहार
मेरे जीवन साथी...

मस्ती नज़र में कल के ख़ुमार की
मुखड़े पे लाली है पिया तेरे प्यार की
खुशबु से तेरी तन को बसा के
लहराऊ डाली सी तेरे गुलज़ार की

मेरे जीवन साथी, कली थी मैं तो प्यासी
तूने देखा हुई, खिल के बहार
मेरे जीवन साथी...

कहाँ का उजाला अभी वो ही रात है
गोरी-गोरी बाहों पे जैसे तेरा हाथ है
बजती है चूड़ी तेरी धड़कन से
कानों में अब तक वो ही तेरी बात है

मेरे जीवन साथी, कली थी मैं तो प्यासी
तूने देखा हुई, खिल के बहार
मेरे जीवन साथी...

तुझको मैं सजना बिंदियाँ का प्यार दूँ
चुनरी के रंग से घर को सवाँर दूँ
जुल्फों का गजरा नैनों का काजल
तेरे नज़राने है तुझ पे ही वार दूँ

मेरे जीवन साथी, कली थी मैं तो प्यासी
तूने देखा हुई खिल के बहार
मेरे जीवन साथी...



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Naushad
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