Lamha Lamha

लमहा-लमहा दूरी यूँ पिघलती है
जाने किस आग में ये शबनम जलती है
हो, लमहा-लमहा दूरी यूँ पिघलती है
जाने किस आग में ये शबनम जलती है

ख़्वाहिशों की शाम ढलती है
ख़्वाहिशों की शाम ढलती है
जाने किस आग में ये शबनम जलती है

तेरी आँखें दिखाती है हमें सपनें सितारों के, हो-हो
तेरे होठों पे लिखा है जो तुम बोले इशारों में, हो-हो

ख़्वाबों के कारवाँ में रात चलती है
जाने किस आग में ये शबनम जलती है

बहकती शाम आयी है तुझे लेकर के बाहों में, हो-हो
तुझे छू लूँ कि रखूँ में छुपाकर के निगाहों में, हो-हो

शरमाती-इठलाती है, मचलती है
जाने किस आग में ये शबनम जलती है

हो, लमहा लमहा दूरी यूँ पिघलती है
जाने किस आग में ये शबनम जलती है
ख़्वाहिशों की शाम ढलती है
ख़्वाहिशों की शाम ढलती है
जाने किस आग मे ये शबनम जलती है



Credits
Writer(s): Pritam, Misra Neelesh
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