Mann

कहीं मिलती सी अँखियों में छुपे हुए वादों से हम
बिन कहे कुछ लम्हों को करते हैं आधे से हम
हर लम्हे में बातें तेरी-मेरी होती सी हैं
फिर भी तेरे साथ में पल मुझे लगते हैं कम

दूर हो तू तो ये सारा जहाँ
याद तेरी मैं जगाता रहा

दिल दरिया, ये हवा बे-हया
धीमे से तेरे नाम की आवाज़ करे
मन भी तो ये पगला है ज़रा
बिन बात के ही पिघला है करे

कभी याद में तेरी मेरा मन यूँ ही तरसा सा है
फिर रात से बात ये तेरी-मेरी करता सा है
तेरे ख़ाब दिखा के मन से ये खेले रतिया
जिस रात में बात नहीं दिल करता सा है

तेरे ही नाम रात का आसमाँ
तारे भी माँगे है दिल का बयाँ

दिल दरिया, ये हवा बे-हया
धीमे से तेरे नाम की आवाज़ करे
मन भी तो ये पगला है ज़रा
बिन बात के ही पिघला है करे

दिल दरिया, ये हवा बे-हया
धीमे से तेरे नाम की आवाज़ करे
मन भी तो ये पगला है ज़रा
बिन बात के ही पिघला है करे



Credits
Writer(s): Rajan Batra, Stuart Kenneth Dacosta, Himonshu Hrishikesh Parikh, Sahil Shah, Harsh
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