Tumse Achha Kaun Hai

कभी हम ने नहीं सोचा था ऐसा दिन भी आएगा
पानी में आग लगेगी, पत्थर भी पिघल जाएगा
देखो, तुमसे अच्छा कौन है?

कभी हमने नहीं सोचा था ऐसा दिन भी आएगा
पानी में आग लगेगी, पत्थर भी पिघल जाएगा
देखो, तुमसे अच्छा कौन है?

हरगिज़ ना यक़ीं था हमको, अनहोनी बात होगी
तुम जान हो दो आलम की और जान हमी पर दोगी
तुम जान हो दो आलम की और जान हमी पर दोगी
तुम जान हो दो आलम की और जान हमी पर दोगी

कभी हमने नहीं सोचा था ऐसा दिन भी आएगा
पानी में आग लगेगी, पत्थर भी पिघल जाएगा
देखो, तुमसे अच्छा कौन है?

एक हुस्न की बहती गंगा तक़दीर भी बन जाए
प्यासे के पास नदी भी खुद प्यास बुझाने आए
प्यासे के पास नदी भी खुद प्यास बुझाने आए
प्यासे के पास नदी भी खुद प्यास बुझाने आए

कभी हमने नहीं सोचा था ऐसा दिन भी आएगा
पानी में आग लगेगी, पत्थर भी पिघल जाएगा
देखो, तुमसे अच्छा कौन है?

कब हमको ख़बर थी, ऐ दिल, रंगीन सहर भी होगी
जो आग है अपने दिल में, वो आग उधर भी होगी
जो आग है अपने दिल में, वो आग उधर भी होगी
जो आग है अपने दिल में, वो आग उधर भी होगी

कभी हमने नहीं सोचा था ऐसा दिन भी आएगा
पानी में आग लगेगी, पत्थर भी पिघल जाएगा
देखो, तुमसे अच्छा कौन है?

कभी हमने नहीं सोचा था ऐसा दिन भी आएगा
पानी में आग लगेगी, पत्थर भी पिघल जाएगा
देखो, तुमसे अच्छा कौन है?

देखो, हो, तुमसे अच्छा कौन है?
देखो, तुमसे अच्छा कौन है?



Credits
Writer(s): Jaikshan Shankar, Jaipuri Hasrat
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