Tum Mere Pyar Ki Duniya Men

तुम मेरे प्यार की दुनिया में बसी हो जब से
तुम मेरे प्यार की दुनिया में बसी हो जब से
ज़र्रे-ज़र्रे में मुझे प्यार नज़र आता है
मेरी हर साँस में आती है तुम्हारी ख़ुशबू
सारा आलम मुझे गुलज़ार नज़र आता है

तुम मेरे प्यार की दुनिया में बसी हो जब से
ज़र्रे-ज़र्रे में मुझे प्यार नज़र आता है
मेरी हर साँस में आती है तुम्हारी ख़ुशबू
सारा आलम मुझे गुलज़ार नज़र आता है
तुम मेरे प्यार की दुनिया में बसी हो जब से

ऐसा लगता है कि हरियाले घने पेड़ों में
तुम भी मौजूद हो, पत्तों में छुपी बैठी हो
शाख़ हिलती है किसी नाज़नीं बाँहों की तरह
और गुमाँ होता तुम जैसे यहीं रहती हो

तुम मेरे प्यार की दुनिया में बसी हो जब से
ज़र्रे-ज़र्रे में मुझे प्यार नज़र आता है
मेरी हर साँस में आती है तुम्हारी ख़ुशबू
सारा आलम मुझे गुलज़ार नज़र आता है
तुम मेरे प्यार की दुनिया में बसी हो जब से

जब गुज़रता है मेरे जिस्म को बादल छूँ कर
फिर कोई रेशमी आँचल मुझे याद आता है
मैं तो हर चीज़ में पाता हूँ तुम्हारा चेहरा
इश्क़ क्या-क्या मुझे परछाइयाँ दिखलाता है

तुम मेरे प्यार की दुनिया में बसी हो जब से
ज़र्रे-ज़र्रे में मुझे प्यार नज़र आता है
मेरी हर साँस में आती है तुम्हारी ख़ुशबू
सारा आलम मुझे गुलज़ार नज़र आता है
तुम मेरे प्यार की दुनिया में बसी हो जब से

धूप और छाँव के मंज़र भी अजब मंज़र हैं
जब नज़र मिलती है १०० तीर चला देते हैं
और फूलों के छलकते से कटोरे हर दम
बिन पिए ही मुझे मस्ताना बना देते हैं

तुम मेरे प्यार की दुनिया में बसी हो जब से
ज़र्रे-ज़र्रे में मुझे प्यार नज़र आता है
मेरी हर साँस में आती है तुम्हारी ख़ुशबू
सारा आलम मुझे गुलज़ार नज़र आता है
तुम मेरे प्यार की दुनिया में बसी हो जब से



Credits
Writer(s): Jaikshan Shankar, Jaipuri Hasrat
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