Hawa Chale Kaise

हवा चले कैसे, हवा चले कैसे
ना तू जाने, ना मैं जानूँ
जाने वो ही जाने

हवा चले कैसे, हवा चले कैसे
ना तू जाने, ना मैं जानूँ
जाने वो ही जाने

घटा उड़े कैसे, घटा उड़े कैसे
ना तू जाने, ना मैं जानूँ
जाने वो ही जाने

थामकर एक पंखड़ी का हाथ चुपके-चुपके
फूल से तितली ने की क्या बात चुपके-चुपके?
आ ज़रा, करें पता, वो शायद दे बता

हवा चले कैसे (हवा चले कैसे)
ना तू जाने, ना मैं जानूँ
जाने वो ही जाने

पर्बतों के सर पे झुकतीं घटाएँ
डालियों को छूतीं ठंडी हवाएँ
ख़ामोशी के लय पे गातीं फ़िज़ाएँ
मस्तियों में डूबीं मीठी सदाएँ

कहो, कौन भेजे? कौन लाए? (कहाँ से आए?)
बोलो, कहाँ को जाए?
तुम भी सोचो, मैं भी सोचूँ
(मिलजुल के बूझे पहेली)

(हवा चले कैसे) हवा चले कैसे
ना तू जाने, ना मैं जानूँ
जाने वो ही जाने

बोलो, बर्फ़ की चादर किस ने डाली है?
बोलो, धुँध में ये धूप किस ने पाली है?
कैसे मीठे सपनों का जादू चलता है?
कैसे सूरज उगता है, चंदा ढलता है?

तुम को सब मालूम है, teacher
हम को भी बतलाओ ना
सात समंदर पार है एक सतरंगा संसार
उसका जादूगर सरदार, रखता परियों का दरबार
उसको आते खेल १०००, करता सब बच्चों से प्यार

जाने, जाने, जाने वो ही जाने



Credits
Writer(s): Pyarelal Sharma, Laxmikant Kudalkar, Sahir Ludhianvi
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