Na Tu Zameen Ke Liye

ना तू ज़मीं के लिए है, ना आसमाँ के लिए
ना तू ज़मीं के लिए है, ना आसमाँ के लिए
तेरा वजूद है, तेरा वजूद है अब सिर्फ़ दास्ताँ के लिए
ना तू ज़मीं के लिए है, ना आसमाँ के लिए

पलट के सू-ए-चमन देखने से क्या होगा?
ओ, पलट के सू-ए-चमन देखने से क्या होगा?

वो शाख़ ही ना रही जो थी आशियाँ के लिए
ना तू ज़मीं के लिए है, ना आसमाँ के लिए

ग़रज़-परस्त जहाँ में वफ़ा तलाश ना कर
ओ, ग़रज़-परस्त जहाँ में वफ़ा तलाश ना कर

ये शय बनी थी किसी दूसरे जहाँ के लिए
तेरा वजूद है, तेरा वजूद है अब सिर्फ़ दास्ताँ के लिए
ना तू ज़मीं के लिए है, ना आसमाँ के लिए



Credits
Writer(s): Laxmikant-pyarelal, Sahir Ludhianvi
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link