Gustakh Dil

ऐ दिल, ऐ दिल, ऐ दिल, ऐ दिल
ऐ दिल, ऐ दिल, ऐ दिल, ऐ दिल

गुस्ताख़ दिल
दिल में मुश्किल
मुश्किल में दिल (मुश्किल में दिल)
गुस्ताख़ दिल, थोड़ा संग-दिल, थोड़ा बुज़दिल

दर्द के दर पे ठहरा है क्यूँ?
सज़ाएँ-सज़ाएँ, ये ख़ुद को क्यूँ देता नहीं?
हँसने की धुन में रोता है क्यूँ?
सही क्या, ग़लत क्या, ये कुछ भी समझता नहीं

गुस्ताख़ दिल
दिल में मुश्किल
मुश्किल में दिल
ओ, गुस्ताख़ दिल

(ऐ दिल, ऐ दिल, ऐ दिल)

है बर्फ़ सी साँसों में, आँखों में धुआँ-धुआँ (धुआँ-धुआँ)
ये हर पल क्यूँ खेले है ग़म का, ख़ुशी का जुआ-जुआ?
ये उम्मीदों भरा
ये ख़ुद से ही डरा

सुलझे धागों में उलझा है क्यूँ
सलाहें, सलाहें ये ख़ुद की भी सुनता नहीं

गुस्ताख़ दिल
दिल में मुश्किल
मुश्किल में दिल
ओ, गुस्ताख़ दिल

क्यूँ बातों ही बातों में फिसलती है ज़ुबाँ-ज़ुबाँ? (ज़ुबाँ-ज़ुबाँ)
किसी शय ना ठहरती है, बहकती है निगाह-निगाह
ये कैसे, कब हुआ, हाँ?
ये कह दो, क्यूँ हुआ?

गिरता नहीं तो सँभलता है क्यूँ?
झुकाए-झुकाए मग़रूर झुकता नहीं

गुस्ताख़ दिल
दिल में मुश्किल
मुश्किल में दिल
ओ, गुस्ताख़ दिल



Credits
Writer(s): Amit Trivedi, Swanand Kirkire
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