Teri Meri Hai Nazar Qatil Ki

तेरी-मेरी हैं नज़र क़ातिल की
आ-आ-आ, तेरी-मेरी हैं नज़र क़ातिल की
खैर नहीं, खैर नहीं महफ़िल की
ओए, तेरी-मेरी हैं नज़र क़ातिल की
खैर नहीं, खैर नहीं महफ़िल की

तू शराबी है, तेरे हाथ में पैमाना है
मेरे आँखों में छलकता हुआ मयख़ाना है
हम वो साक़ी है जो दीवाना बना देते है
जाम खाली हो तो नज़रों से पीला देते है

ये जवानी, ये अदा
इसका है और नशा
जाम ये जिस ने पिया
मस्त होकर वो गिरा

ज़रा निगाह उठा दीवाने
ज़रा निगाह उठा दीवाने
आज निकल जाए तमन्ना दिल की

तेरी-मेरी हैं नज़र क़ातिल की
हाँ, तेरी-मेरी हैं नज़र क़ातिल की
खैर नहीं, खैर नहीं महफ़िल की

प्यार में जान की परवाह नहीं की जाती
दिल में हो दर्द, मगर आह नहीं की जाती
प्यार करते है जो घरबार लुटा देते है
क़त्ल हो जाए तो क़ातिल को दुआ देते है

क्या खबर तुझको भला
प्यार है कैसी बला
आग उस दिल में लगी
शोला इस दिल में उठा

इशारा मेरा समझले दिलबर
इशारा मेरे समझले दिलबर
बात नहीं ऐसी कोई मुश्किल की

तेरी-मेरी हैं नज़र क़ातिल की
हाँ, तेरी-मेरी हैं नज़र क़ातिल की
खैर नहीं, खैर नहीं महफ़िल की

नाम मेरा भी है बिजली, तू क़दर ज्वाला है
ना समझना के अकेला तू ही दिलवाला है
छेड़ दोनों में चलेगी तो मज़ा आएगा
आग से आग मिलेगी तो मज़ा आएगा

कुछ तेरी बात बने
कुछ मेरी बात बने
रात ढलने दे ज़रा
फिर कोई बात बने

किसी का तू भी अगर घायल हो
किसी का तू भी अगर घायल हो
जानेगा फिर बात किसी घायल की

तेरी-मेरी हैं नज़र क़ातिल की
हाँ, तेरी-मेरी हैं नज़र क़ातिल की
खैर नहीं, खैर नहीं महफ़िल की
तेरी-मेरी हैं नज़र क़ातिल की
खैर नहीं, खैर नहीं महफ़िल की



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Naushad
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