Ram Sumir Ram Sumir

राम सिमर राम सिमर, इहे तेरे काज है,
माया को संग त्याग, प्रभु जू की सरन लाग,
जगत सुख मान मिथ्या, झूठो सब साज है,
सुपने जिउ धन पछान, काहे पर करत मान,
बरु की भीत जैसे, बसुधा को राज है,
नानक जन कहत बात, बिनस जैहै तेरो गात,
छीन छीन कर गयो काल, तैसे जात आज है,



Credits
Writer(s): Guru Nanak
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