Ab Ke Sajan Sawan Mein

अब के, सजन, सावन में

अब के, सजन, सावन में आग लगेगी बदन में
घटा बरसेगी, मगर तरसेगी नज़र
मिल ना सकेंगे दो मन एक ही आँगन में

अब के, सजन, सावन में आग लगेगी बदन में
घटा बरसेगी, मगर तरसेगी नज़र
मिल ना सकेंगे दो मन एक ही आँगन में
अब के, सजन, सावन में

दो दिलों के बीच खड़ी इतनी दीवारें
हाए, दो दिलों के बीच खड़ी इतनी दीवारें
कैसे सुनूँगी मैं, पिया, प्रेम की पुकारें?

चोरी-चुपके से तुम लाख करो जतन, लाख करो जतन
सजन, मिल ना सकेंगे दो मन एक ही आँगन में
अब के, सजन, सावन में

इतने बड़े घर में नहीं एक भी झरोखा
इतने बड़े घर में नहीं एक भी झरोखा
किस तरह हम देंगे भला दुनिया को धोखा?

रातभर जगाएगी ये मस्त-मस्त पवन, मस्त-मस्त पवन
सजन, मिल ना सकेंगे दो मन एक ही आँगन में, इश!
अब के, सजन, सावन में

तेरे-मेरे प्यार का ये साल बुरा होगा
अरे, तेरे-मेरे प्यार का ये साल बुरा होगा
जब बहार आएगी तो हाल बुरा होगा

काँटे लगाएगा ये फूलों भरा चमन, फूलों भरा चमन
सजन, मिल ना सकेंगे दो मन एक ही आँगन में

अब के, सजन, सावन में आग लगेगी बदन में
घटा बरसेगी, मगर तरसेगी नज़र
मिल ना सकेंगे दो मन एक ही आँगन में



Credits
Writer(s): S.d.burman, Anand Baskshi
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