Ankh Hai Bhari Bhari (Male Version) - From "Tum Se Achcha Kaun Hai"

आँख है भरी-भरी, और तुम मुस्कुराने की बात करते हो
आँख है भरी-भरी, और तुम मुस्कुराने की बात करते हो
ज़िंदगी ख़फ़ा-ख़फ़ा, और तुम दिल लगाने की बात करते हो
आँख है भरी-भरी, और तुम मुस्कुराने की बात करते हो

मेरे हालात ऐसे हैं कि मैं कुछ कर नहीं सकता
मेरे हालात ऐसे हैं कि मैं कुछ कर नहीं सकता
तड़पता है ये दिल, लेकिन ये आहें भर नहीं सकता

ज़ख़्म है हरा-हरा, और तुम चोट खाने की बात करते हो
ज़िंदगी ख़फ़ा-ख़फ़ा, और तुम दिल लगाने की बात करते हो
आँख है भरी-भरी, और तुम मुस्कुराने की बात करते हो

ज़माने में भला कैसे मोहब्बत लोग करते हैं
ज़माने में भला कैसे मोहब्बत लोग करते हैं
वफ़ा के नाम की अब तो शिकायत लोग करते हैं

आग है बुझी-बुझी, और तुम लौ जलने की बात करते हो
ज़िंदगी ख़फ़ा-ख़फ़ा, और तुम दिल लगाने की बात करते हो
आँख है भरी-भरी, और तुम मुस्कुराने की बात करते हो

कभी जो ख़्वाब देखा तो मिलीं परछाइयाँ मुझको
कभी जो ख़्वाब देखा तो मिलीं परछाइयाँ मुझको
मुझे महफ़िल की ख़्वाहिश थी, मिलीं तन्हाइयाँ मुझको

हर तरफ़ धुआँ-धुआँ, और तुम आशियाने की बात करते हो
ज़िंदगी ख़फ़ा-ख़फ़ा, और तुम दिल लगाने की बात करते हो
आँख है भरी-भरी, और तुम मुस्कुराने की बात करते हो



Credits
Writer(s): Saifi Nadeem, Rathod Shravan, Pandy Sameer (t)
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