Humko Tumhare Ishq Ne

हम को तुम्हारे इश्क़ ने क्या-क्या बना दिया
जब कुछ ना बन सके तो तमाशा बना दिया
हम को तुम्हारे इश्क़ ने क्या-क्या बना दिया

काशी से कुछ ग़रज़ थी, ना का'बे से वास्ता
हम ढूँढने चले थे मोहब्बत का रास्ता

देखा तुम्हारे दर को तो सर को झुका दिया
जब कुछ ना बन सके तो तमाशा बना दिया

दिल की लगी ने कर दिया दोनों को बेक़रार
दोहरा के दास्तान-ए-मोहब्बत फिर एक बार

मजनूँ हमें और आपको लैला बना दिया
जब कुछ ना बन सके तो तमाशा बना दिया

निकले तेरी तलाश में और ख़ुद ही खो गए
कुछ बन पड़ी ना हम से तो दीवाने हो गए

दीवानगी ने फिर तेरा कूचा दिखा दिया
जब कुछ ना बन सके तो तमाशा बना दिया

जलवों की भीख फेंकने वाले की ख़ैर हो
पर्दा हटा के देखने वाले की ख़ैर हो

बन के भिखारी इश्क़ ने दामन बिछा दिया
जब कुछ ना बन सके तो तमाशा बना दिया
हम को तुम्हारे इश्क़ ने क्या-क्या बना दिया



Credits
Writer(s): O.p. Nayyar, Shewan Rizvi
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