Ruk Ja Raat Revival

रुक जा रात ठहर जा रे चन्दा
बीते ना मिलन की बेला
आज चाँदनी की नगरी में
अरमानों का मेला
रुक जा रात ठहर जा रे चन्दा
बीते ना मिलन की बेला
आज चाँदनी की नगरी में
अरमानों का मेला
रुक जा रात ठहर जा रे चन्दा

पहले मिलन की यादें लेकर, आयी है ये रात सुहानी
दोहराते हैं फिर ये सितारे, मेरी तुम्हारी प्रेम कहानी
रुक जा रात ठहर जा रे चन्दा, बीते ना मिलन की बेला
आज चाँदनी की नगरी में, अरमानों का मेला
रुक जा रात ठहर जा रे चन्दा

कल का डरना, काल की चिंता, दो तन है, मन एक हमारे
जीवन सीमा के आगे भी, आऊँगी मैं संग तुम्हारे
रुक जा रात ठहर जा रे चन्दा, बीते ना मिलन की बेला
आज चाँदनी की नगरी में, अरमानों का मेला
रुक जा रात ठहर जा रे चन्दा, बीते ना मिलन की बेला
आज चाँदनी की नगरी में, अरमानों का मेला
रुक जा रात ठहर जा रे चन्दा



Credits
Writer(s): Shailendra, Panchal Jaikishan, Singh S Shankar
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