Purani Jeans

पुरानी jeans और guitar
मुहल्ले की वो छत और मेरे यार
वो रातों को जागना
सुबह घर जाना कूद के दीवार

वो cigarette पीना गली में जा के
वो करना दाँतों को घड़ी-घड़ी साफ़
पहुँचना college हमेशा late
वो कहना sir का, "Get out from the class"

वो बाहर जा के हमेशा कहना
"यहाँ का system ही है ख़राब"
वो जा के canteen में table बजा के
वो गाने गाना यारों के साथ

बस यादें, यादें, यादें रह जाती हैं
छोटी, छोटी, बातें रह जाती हैं
बस यादें, यादें, यादें रह जाती हैं
छोटी, छोटी, बातें रह जाती हैं
बस यादें...

वो पापा का डाँटना
वो कहना मम्मी का, "छोड़ें जी आप
तुम्हें तो बस नज़र आता है
जहाँ में बेटा मेरा ही ख़राब"

वो दिल में सोचना कर के कुछ दिखा दें
वो करना planning रोज़ नई, यार
लड़कपन का वो पहला प्यार
वो लिखना हाथों पे A+R

वो खिड़की से झाँकना
वो लिखना letter उन्हें बार-बार
वो देना तोहफ़े में सोने की बालियाँ
वो लेना दोस्तों से पैसे उधार

बस यादें, यादें, यादें रह जाती हैं
छोटी, छोटी, बातें रह जाती हैं
बस यादें, यादें, यादें रह जाती हैं
छोटी, छोटी, बातें रह जाती हैं
बस यादें...

ऐसा यादों का मौसम चला
भूलता ही नहीं दिल मेरा

कहाँ मेरी jeans और guitar
मुहल्ले की वो छत और मेरे यार
(और मेरे यार)
पुरानी jeans...



Credits
Writer(s): Ali Haider, Arshad Mehmud, Nasir Kazmi, Iqbal Asif, Jhon Mall
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