Sri Krishna Govind Hare Murari

श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा
(श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे)
(हे नाथ नारायण वासुदेवा)

पितु मात स्वामी, सखा हमारे
पितु मात स्वामी, सखा हमारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा

(श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे)
(हे नाथ नारायण वासुदेवा)
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा

बुध-शुद्ध तिथि अष्टमी प्यारी
भाद्र मास वर्षा अति भारी
बंदी गृह में अर्थ निशा में
प्रगट हुए सर्वानन्द कारी
(प्रगट हुए सर्वानन्द कारी)

सुर, नर, मुनि सब हुए सुखारे
पितु मात स्वामी, सखा हमारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा

(श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे)
(हे नाथ नारायण वासुदेवा)
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा

चंद्र वंश का चंद्र सुहाना
कृष्ण जगत गुरु, जग ने माना
अत्याचारी कंश के घर में
एक पल रुकना उचित ना जाना
(एक पल रुकना उचित ना जाना)

त्याग के मथुरा, गोकुल पधारे
पितु मात स्वामी, सखा हमारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा

(श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे)
(हे नाथ नारायण वासुदेवा)
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा

राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, राधे-राधे, कृष्णा-कृष्णा
(राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, राधे-राधे, कृष्णा-कृष्णा)
राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, राधे-राधे, कृष्णा-कृष्णा
(राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, राधे-राधे, कृष्णा-कृष्णा)
राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, कृष्णा-कृष्णा, हरी-हरी
(राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, कृष्णा-कृष्णा, हरी-हरी)

हरी बोल (हरी-हरी)
हरी बोल (हरी-हरी)
हरी बोल (हरी-हरी)
हरी बोल (हरी-हरी बोल)

(राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा)
(राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा)
(राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा)
(राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, हरी-हरी)



Credits
Writer(s): Anup Jalota
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