Ek Dafa Ek Jungle Tha

Somu-Somu, hmm?
ओ कहानी सुनाओ ना
तुमने कहा था
कहानी? हाँ

कौन सी कहानी?
ओ, वो जब हरिप्रसाद kitchen में गिर पड़ा था, हाँ
कहानी था... लोमड़ी की क्या!
लोमड़ी! क्या लोमड़ी?

Oh hahah, वो लोमड़ी नहीं गीदड़ की कहानी है वो
हाँ, हाँ... वो सुनाओ ना
उतरो, उधर बैठो जाओ
सुनाओ ना, हटट्

मारते क्यूँ रहते हो हर वक़्त?
और क्या? पैर नीचे रख, रख नीचे
कहानी सुननी है कि नहीं? Hmm
तो ये दीया बंद करो

Hmm, गीदड़ की कहानी
कौन सी कहानी? लोम...
अ, गीदड़ की कहानी, सुनाओ ना

एक दफ़ा एक जंगल था
एक दफ़ा एक जंगल था
उस जंगल में एक गीदड़ था

बड़ा लोफ़र, बड़ा लीचड़
आवारा, अच्छा?
जंगल पार एक बस्ती थी
उस बस्ती में वो जाता था रोज़ाना, हाँ-हाँ, रोज़ाना, हाँ-हाँ-हाँ
एक दफ़ा एक जंगल था
उस जंगल में एक गीदड़ था
बड़ा लोफ़र, बड़ा लीचड़
आवारा

एक दफ़ा उस बस्ती के कुत्तों ने उसको देख लिया
फ़िर क्या हुआ Somu?
इस मोड़ पे उसको दौड़ाया, उस मोड़ पे जाके उसको घेर लिया

जब कुछ न सूझा गीदड़ को दीवार के ऊपर से कूदा
कुछ नहीं हुआ, चिंता नहीं बालिका

अच्छा, कहानी कहानी तक पहुँची?
Somu गिर पड़ा, भटट्
Somu नहीं गीदड़
उस पार किसी का आँगन था, आँगन में नील की हाँडी थी
हाँडी थी: वो नीली थी
Umm, क्या थी? नीली थी
उस नील में यूँ गिरा गीदड़

सब हो गया कीचड़ ही कीचड़
अरे, कीचड़, सब कीचड़
कीचड़, सब कीचड़
कुत्ते जब भौंक के भाग गए, गीदड़ जी हाँडी से निकले
और धूप चढ़े जंगल पहुँचे, ऊपर से नीचे तक नीले
अच्छा, हाँ, सब जानवर देख के डरने लगे
ये कौन, कैसा जानवर है?

आ, मुझे पता है
क्या पता है? गीदड़, चुप बुद्धु
कहाँ से आ गई! Umm हाँ
सब जानवर देख के डरने लगे

ये कौन, कैसा जानवर है?
दिखने में नीला दिखता है
अंदर से लाल भुचक्कड़ है
गीदड़ ने भी चालाकी की

क्या किया? मोटी आवाज़ में गुर्राया
मैं राजा हूँ
मैं राजा हूँ अब जंगल का
मुझको भगवान ने भेजवाया, hahahaha

Hehehe, ए-ए-ए संभाल के
शेर की दुम भी हिलने लगी और मुँह से बस निकला
Hello, बंदर का मुँह लाल होता है ना! हाँ
डर के मारे निकला yellow
जितने थे जंगल में वो सब गीदड़ का पानी भरने लगे
क्यूँ? हाँ, समझे कोई अवतार है वो, और उसकी सेवा करने लगे
जाँहपना, आलमपना, उमराव जानो दीदार-ए-या तसरीफ़ ला रहे है
आ-हे-हे, मारूँगा तुझे
बहुत दिनों के बाद एक दिन कुछ ऐसा हुआ उस जंगल में

ए-ए-ए, डरती क्यूँ हो? तुम शोर क्यूँ कर रहे हो?
मैं शोर नहीं करूँगा, मैं तो बिजली हूँ बिजली
बिजली? तुम तो गीदड़ थे ना?

गीद... अच्छा मैं तो सब कुछ हूँ
अच्छा, ए... बस? बस, बोलो
सावन के महीने में एक दिन कुछ गीदड़ मिलकर गाने लगे

नीले गीदड़ को जोश आया, बिरादरी पर इतराने लगा
और झूम के जब आलाप लिया
आ (अरे) ने रे गा
आ (कैसे? कैसे?) ने रे ने रे गा

आ आऊ
अरे बाप रे, पहचाने गए और पकड़े गए
हर एक ने खूब पिटाई की सब रंग उतर गए राजा के
और सबने खूब धुलाई की

दे दनादन, ले दनादन, ले दनादन
बोल: दनादन, बोल: दनादन, बोल: दनादन
ए, बोल, ए दनादन, दनादन, दे दनादन, ले दनादन



Credits
Writer(s): Gulzar, Ilaiyaraaja
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