Han Han Yeh Pyar Hai

सपनों के देस में, पलकों की छाँव में
प्यार के नाम का वो जो एक मोड़ है
हाँ, उसी मोड़ पर मैंने देखा तुम्हें
तू मुझको लगा

तुम हो खिलती कली, तुम हो चंचल किरण
छलकी-छलकी नदी, महका-महका चमन
तुमसे है ताज़गी, तुमसे है ज़िंदगी
तो मैंने कहा

हाँ-हाँ, ये प्यार है और अब तो खुलके मुझको इक़रार है
मैं दीवाना हूँ, मुझे प्यार है, सुन ले, दिलरुबा
हाँ-हाँ, ये प्यार है और अब तो खुलके मुझको इक़रार है
मैं दीवाना हूँ, मुझे प्यार है, सुन ले, दिलरुबा

मैं तो हैरान हूँ, क्या कहूँ, क्या कहूँ
ज़ुल्फ़ या रात है, चेहरा या चाँदनी
होंठ या फूल हैं, बात या रागिनी
किसे है पता

ऐ हसीं, ऐ हसीं, दिलरुबा, दिलनशीं
मेरे दिल में है क्या, तुम नहीं जानती
कब से ख़ामोश हूँ, सोचता हूँ कहूँ
जो ना कह सका

हाँ-हाँ, ये प्यार है और अब तो खुलके मुझको इक़रार है
मैं दीवाना हूँ, मुझे प्यार है, सुन ले, दिलरुबा
हाँ-हाँ, ये प्यार है और अब तो खुलके मुझको इक़रार है
मैं दीवाना हूँ, मुझे प्यार है, सुन ले, दिलरुबा



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Pandit Jatin, Lalit Pandit
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