Zara Si Dosti

ज़रा सी दोस्ती कर ले
ज़रा सा हमनशी बन जा

१०० ख्वाब हैं, एक ज़िन्दगी
कैसे चुने? क्या चाहिए
शायद तेरी "हाँ" ना मिले
फिर भी हमें तेरी "ना" चाहिए

तू ही सफ़र, तू रास्ता, तू ही कारवाँ
कैसे चलूँ मैं तेरे बिना?

ज़रा सी दोस्ती कर ले
ज़रा सा हमनशी बन जा
ज़रा सा साथ दे, बस फिर
चाहे अजनबी बन जा

ज़रा सी दोस्ती कर ले
ज़रा सा हमनशी बन जा
ज़रा सा साथ दे, बस फिर
चाहे अजनबी बन जा

तुझसे मिल के दिल को ये यक़ीं हो गया
आईने में सब से मैं हसीं हो गया
तुझसे मिल के दिल को ये यक़ीं हो गया
आईने में सब से मैं हसीं हो गया

तू निग़ाह फेरे तो लगे यूँ मुझे
मुझसे खूबसूरत हर कोई हो गया

जाता है जा, ले जा वफ़ा, ले जा दुआ
बस दे-दे अपनी वो निग़ाह

ज़रा सी दोस्ती कर ले
ज़रा सा हमनशी बन जा
ज़रा सा साथ दे, बस फिर
चाहे अजनबी बन जा

ज़रा सी दोस्ती कर ले (ज़रा सी दोस्ती)
ज़रा सा हमनशी बन जा (ज़रा सा हमनशी)
ज़रा सा साथ दे, बस फिर (ज़रा सा साथ दे)
चाहे अजनबी बन जा

जब तलक तू मुझमें, यार, शामिल रहा
तुझमें था जो मेरा, मुझको हासिल रहा
खो गया है तू तो, अब ये लगता है डर
क्या ये दिल बेचारा तेरे क़ाबिल रहा?

सुन ले दुआ, ये इल्तिजा, तुझसे जुड़ा
मैं कुछ नहीं हूँ तेरे बिना

ज़रा सी दोस्ती कर ले
ज़रा सा हमनशी बन जा
ज़रा सा साथ दे, बस फिर
चाहे अजनबी बन जा

(ज़रा सी दोस्ती कर ले)
(ज़रा सा हमनशी बन जा)
(ज़रा सा साथ दे बस फिर)
(चाहे अजनबी बन जा)

ज़रा सी दोस्ती कर ले



Credits
Writer(s): Sohail Sen, Mudassir Aziz
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