Ye Badal Asmaan Pe Kyon - From "Dil Ki Baazi"

ये बादल आसमाँ पे क्यूँ छाएँ हैं?
ये बादल आसमाँ पे क्यूँ छाएँ हैं?
ताकि हम दोनों प्रेमी के बीच रहे ना दूरी
ये प्यार भरा संदेसा लाएँ हैं

ओ, ये पंछी उड़ते-उड़ते क्या कह रहे हैं?
ये पंछी उड़ते-उड़ते क्या कह रहे हैं?
अपनी भाषा में बोले, हम भेद जिया के खोले
ये प्यार जताने के दिन आएँ हैं

गालों की ये लाली फूलों ने चुरा ली
इन ज़ुल्फ़ों की रंगत से हुई घटाएँ काली
गालों की ये लाली फूलों ने चुरा ली
इन ज़ुल्फ़ों की रंगत से हुई घटाएँ काली
चाल पे तेरी जान-ए-जानाँ झूमे डाली-डाली

ये सावन मन में कैसी प्यास जगाएँ हैं?
ये सावन मन में कैसी प्यास जगाएँ हैं?
खेलो ना आँख-मिचौली, इतनी ना बनो तुम भोली
दिन आग बुझाने के अब आएँ हैं

नीचे बहती नदियाँ, ऊपर हैं पहाड़ी
ना जाने क्यूँ फिसले मेरे गोरे तन से साडी
नीचे बहती नदियाँ, ऊपर हैं पहाड़ी
ना जाने क्यूँ फिसले मेरे गोरे तन से साडी
टुकुर-टुकुर क्यूँ देखे मोरा बलमा अनाड़ी?

ये आँचल हवाओं में क्यूँ लहराएँ हैं?
ये आँचल हवाओं में क्यूँ लहराएँ हैं?
ये कहता है लहरा के, "ले जा डोली घर आके"
अब मेहँदी रचाने के दिन आएँ हैं
अब मेहँदी रचाने के दिन आएँ हैं
हो, अब मेहँदी रचाने के दिन आएँ हैं



Credits
Writer(s): Shaily Shailendra, Ram-laxman
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