Khoya Khoya

कड़वे मन की मोरनी
मीठे तेरे बोल नी
कर ले मन की, मोरनी
कैसे खींचे डोर नी?

कड़वे मन की मोरनी
मीठे तेरे बोल नी
कर ले मन की, मोरनी
कैसे खींचे डोर नी?

तेरी आहटों में जी लूँगा
तेरी चाहतों में जी लूँगा
जो पा के भी ना पा सकूँ
तेरी धड़कनों में जी लूँगा

फिर हर घड़ी ये दिल तेरा क्यूँ देखे मुझे?
कि दो जहाँ को पा लिया हो

पा के तुझे मैं खोया-खोया, मन खोया-खोया
जो पाया तुझे मैं खोया-खोया
हो, खोया-खोया, दिल खोया-खोया
जो पाया तुझे मैं खोया-खोया

हो, इश्क़ है दरमियाँ, फिर क्यूँ हैं दूरियाँ?
ना छू सकूँ मैं, ना मुड़ सकूँ
तुझ में कहीं हूँ मैं, फिर भी नहीं हूँ मैं
ना मैं रुकूँ, ना चल सकूँ

हाँ, और अब चलें इतनी दूर जहाँ
बाँहों के नशे में हो चूर जहाँ

खोया-खोया, मन खोया-खोया
जो पाया तुझे मैं खोया-खोया
हो, खोया-खोया, दिल खोया-खोया
जो पाया तुझे मैं खोया-खोया

(खोया-खोया, खोया-खोया)
(खोया-खोया, खोया-खोया)

आँखों से तेरी आँखें मिलाऊँ
अपनी ही नज़रों से छुपता हूँ मैं
चाहत में तेरी जादू ये कैसा?
बनता भी हूँ, और मिटता हूँ मैं

हाँ, अब मिट भी जाऊँ, साथ-साथ चलना मुझे
कि दो जहाँ को पा लिया हो

पा के तुझे मैं खोया-खोया, मन खोया-खोया
जो पाया तुझे मैं खोया-खोया
हो, खोया-खोया, दिल खोया-खोया
जो पाया तुझे मैं खोया-खोया



Credits
Writer(s): Jigar Sachin, Niranjan Iyenger
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