Badi Dheere Jali

बड़ी धीरे जली रैना, धुआँ-धुआँ नैना
बड़ी धीरे जली रैना, धुआँ-धुआँ नैना

रातों से हौले-हौले खोली है किनारी
अखियों ने तागा-तागा भोर उतारी
खारी अखियों से धुआँ जाए ना
बड़ी धीरे जली रैना, धुआँ-धुआँ नैना

पलकों पे सपनों की अग्नि उठाए
हमने दो अखियाँ के आलने जलाए
पलकों पे सपनों की अग्नि उठाए
हमने दो अखियाँ के आलने जलाए

दर्द ने कभी लोरियाँ सुनाई तो
दर्द ने कभी नींद से जगाया रे
बैरी अखियों से ना जाए, धुआँ जाए ना

बड़ी धीरे जली रैना, धुआँ-धुआँ नैना
बड़ी धीरे जली रैना, धुआँ-धुआँ नैना

जलते चिराग़ों में अब नींद ना आए
फूँकों से हमने सब तारे बुझाए
जलते चिराग़ों में नींद ना आए
फूँकों से हमने सब तारे बुझाए

जाने क्या खली रात की पिटारी से
खोलो तो कोई भोर की किनारी रे
सूजी अखियों से ना जाए, धुआँ जाए ना

बड़ी धीरे जली रैना, धुआँ-धुआँ नैना
बड़ी धीरे जली रैना, धुआँ-धुआँ नैना
बड़ी धीरे जली रैना, धुआँ-धुआँ नैना



Credits
Writer(s): Gulzar
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