Seena Pada

जो ना होना था वो मुझे होना पड़ा
आज खोकर तुझे ज़िंदा रहना पड़ा
वक्त से जो मिला मुझे वो ज़खम सीना पड़ा
सीना पड़ा, सीना पड़ा

जो ना होना था वो मुझे होना पड़ा
आज खोकर तुझे ज़िंदा रहना पड़ा
वक्त से जो मिला मुझे वो ज़खम सीना पड़ा
सीना पड़ा, सीना पड़ा

दूर दुनिया से तेरी इतना चली आई हूँ
आज मैं जिस्म नहीं, आज मैं परछाई हूँ
हर जगह भीड़ का सैलाब तेरे चारों तरफ़
मैं अपने आप में सिमटी हुई तन्हाई हूँ

जो भी हासिल हुआ, पा के खोना पड़ा
आज खोकर तुझे ज़िंदा रहना पड़ा
वक्त से जो मिला मुझे वो ज़खम सीना पड़ा
सीना पड़ा, सीना पड़ा

पास हैं मेरे तेरे साथ गुज़ारे लम्हे
कुछ अधूरे रहे, कुछ पूरे हो गए सपने
बहुत सँभाल के रखती हूँ इनको सीने में
अब इस जहान में मेरे तो हैं यही अपने

याद करके जिन्हें रात-दिन रोना पड़ा
आज खोकर तुझे ज़िंदा रहना पड़ा
वक्त से जो मिला मुझे वो ज़खम सीना पड़ा
सीना पड़ा, सीना पड़ा



Credits
Writer(s): Sayeed Quadri
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link